Tuesday, December 18, 2018

घरों की बिक्री 25 प्रतिशत बढ़ी, आपूर्ति 22 प्रतिशत घटी

देश के नौ प्रमुख शहरों में 2018 में मकानों की बिक्री 25 प्रतिशत बढ़कर 3.1 लाख इकाई पर पहुंच गई है। एक रिपोर्ट के अनुसार, सस्ते मकानों की मांग बढ़ने से घरों की बिक्री बढ़ी है।
प्रॉप टाइगर ने अपनी रिपोर्ट में देश के नौ शहरों मुंबई, पुणे, नोएडा, गुरुग्राम, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता और अहमदाबाद के रीयल एस्टेट क्षेत्र का आकलन किया है। आवास बाजार पर अपने साल भर के लेखे जोखे में कहा कि पिछले साल नोटबंदी के प्रभाव की वजह से घरों की बिक्री प्रभावित हुई थी। इसके अलावा मई, 2017 से लागू हुए रेरा कानून तथा जीएसटी क्रियान्वयन की वजह से भी पिछले साल घरों की बिक्री घटी थी।
2018 में नए घरों की आपूर्ति इससे पिछले साल की तुलना में 22 प्रतिशत घटकर 1.9 लाख इकाई रह गई। रेरा के प्रावधानों के कड़ाई से पालन की वजह से बिल्डरों ने नई परियोजनाएं शुरू करने में सावधानी बरती। इसके अलावा नकदी की कमी तथा पहले से बने मकान नहीं बिकने की वजह से नई परियोजनाएं आगे नहीं बढ़ पाईं।
आंकड़ों के अनुसार, 2018 में मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में घरों की बिक्री 34 प्रतिशत बढ़कर एक लाख इकाई से अधिक रही है। पुणे में बिक्री में पिछले साल की तुलना में 47 प्रतिशत का इजाफा हुआ। दक्षिण के राज्यों में भी घरों की बिक्री बढ़ी है। उत्तर में नोएडा में बिक्री बढ़ी है। इसकी वजह है कि नोएडा में ज्यादातर डेवलपर्स ने कीमतों में कटौती की हैमध्य प्रदेश में सोमवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे कांग्रेस नेता कमलनाथ ने शनिवार को कहा कि राज्य में सबसे उनके दल को सबसे अधिक सीटें मिली है। इसके बावजूद कांग्रेस का विंध्य क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की विश्वसनीयता पर शक बरकरार है। उन्होंने कहा,पार्टी इस इलाके में हुई वोटिंग पैटर्न की वह विशेषज्ञों से निष्पक्ष जांच कराएगी।
मध्य प्रदेश में सोमवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे कांग्रेस नेता कमलनाथ ने शनिवार को कहा कि राज्य में सबसे उनके दल को सबसे अधिक सीटें मिली है। इसके बावजूद कांग्रेस का विंध्य क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की विश्वसनीयता पर शक बरकरार है। उन्होंने कहा,पार्टी इस इलाके में हुई वोटिंग पैटर्न की वह विशेषज्ञों से निष्पक्ष जांच कराएगी।
कमलनाथ ने एक साक्षात्कार में कहा, मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार बहुमत के नजदीक आने के बावजूद हमारा ईवीएम पर विंध्य इलाके में शक बरकरार है। इसलिए हमने विंध्य क्षेत्र की वोटिंग एवं परिणाम पर एक फोरेंसिक स्टडी की पहल की है, जो कि वोटिंग पर एक्जिट पोल की तरह सर्वे करेगा। उन्होंने फॉरेंसिक जांच के बाद वह चुनाव आयोग का रुख करेंगे। कमलनाथ ने कहा कि सतना जिले में मतदान के दिन सबसे ज्यादा ईवीएम की गड़बड़ी की सूचना आई तथा यह लगभग तीन घंटों तक बंद रही। यहां तक कि विंध्य में परिणाम वोटिंग पैटर्न से मेल नहीं खा रहे हैं। अध्ययन में गड़बड़ी की बात आने पर अदालत का रुख करने के सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि हम विचार करेंगे। गौरतलब है कि कांग्रेस का मध्यप्रदेश के विंध्य क्षेत्र में सबसे खराब प्रदर्शन रहा है। पार्टी को यहां की कुल 30 सीटों में से मात्र छह पर जीत मिली है, जबकि 24 पर भाजपा काबिज हुई है। इसी क्षेत्र में कांग्रेस के दो दिग्गज हार गए हैं। इनमें निवर्तमान मध्यप्रदेश विधानसभा में प्रतिपक्ष नेता अजय सिंह (अपनी परंपरागत चुरहट सीट) एवं प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह (अमरपाटन सीट) शामिल हैं।

   कांग्रेस के किसानों का कर्ज माफ करने के वादे पर रिजर्व बैंक आफ इंडिया के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि यह अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा नहीं है। इस संबंध में पूछे जाने पर कमलनाथ ने कहा, मेरे पास इस बारे में पुख्ता योजना और रणनीति है। इसका खुलासा मैं 17 दिसंबर (कमलनाथ द्वारा मुख्यमंत्री पद का शपथ लेने की तिथि) के बाद करुंगा।
 कमलनाथ ने कहा, इंटरनेट पर देख लें कि बैंकों ने उद्योग और व्यावसायिक घरानों का 40 से 50 फीसदी कर्ज माफ किया है। यदि उनका कर्ज माफ किया जा सकता है, तो किसानों का क्यों नहीं। रघुराम राजन अगर गांव को समझते हैं तो वो बात करें। वह बताएं कि कितने साल गांव में काटे हैं, कितने साल खेतों में काम किया है।

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